ट्रेडिंग मैं स्टोपलोस कार्य

 ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस का कार्य



शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय लाभ कमाना जितना जरूरी है, उतना ही आवश्यक है नुकसान को सीमित करना। इसी कार्य में स्टॉप लॉस (Stop Loss) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्टॉप लॉस एक ऐसा प्राइस लेवल होता है जिस पर ट्रेडर अपनी पोजीशन को ऑटोमैटिकली बंद कर देता है, ताकि बड़ा नुकसान न हो।



उदाहरण के लिए, अगर आपने किसी शेयर को ₹500 पर खरीदा और स्टॉप लॉस ₹480 पर लगाया, तो यदि कीमत ₹480 तक गिरती है, तो आपका ट्रेड बंद हो जाएगा और आपको ₹20 का ही नुकसान होगा। इससे अधिक नुकसान नहीं होगा।


स्टॉप लॉस दो तरह का हो सकता है – फिक्स्ड स्टॉप लॉस और ट्रेलिंग स्टॉप लॉस। फिक्स्ड स्टॉप लॉस पहले से तय होता है, जबकि ट्रेलिंग स्टॉप लॉस शेयर की बढ़ती कीमत के साथ खुद ऊपर खिसकता है।


स्टॉप लॉस का उपयोग ट्रेडिंग में अनुशासन बनाए रखने में मदद करता है। यह भावनात्मक निर्णयों से बचने और पूंजी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। हर सफल ट्रेडर स्टॉप लॉस का उपयोग जरूर करता है।


इसलिए, यदि आप ट्रेडिंग में हैं, तो स्टॉप लॉस को अपनी रणनीति का अनिवार्य हिस्सा बनाइए।



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